कांग्रेस को जिला कार्यालय बनाने के लिए नहीं मिलेगी मुफ्त में जमीन

कांग्रेस को जिला कार्यालय बनाने के लिए नहीं मिलेगी मुफ्त में जमीन


नियम के तहत दस फीसदी की राशि जमा करना होगी लोकदेश संवाददाता भोपाल


 प्रदेश में कांग्रेसको जिलों में कार्यालय बनाने के लिए मुफा में जमीन नहीं मिलेगी। इसके लिए कांग्रेस को दस फीसदी की राशि जमा करना होगी इसके बाद ही तय नियमों के अनुसार जमीन का आवंटन होगा जल्द ही फिर आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी बताया जा रहा है कि नए नियमों के अनुसार, भवनों को आवटित की जाने वाली जमीन को कोई पदाधिकारी बेच नहीं सकेंगे। वही जमीन आवंटन की जो रजिस्ट्री होगी, उसमें जिलाध्यक्ष और उस समय पद पर जो व्यक्ति होगा उसके नाम से नामांतरण की प्रक्रिया होगी। दरअसल, वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस के पास इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, सीहोर, उज्जैन,


खंडवा, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट व सागर अपने भवन है वही कई अन्य जगहों पर आवटित जमीन है, जहां कार्यालय बनाए जाने है। अब चुंकी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, पार्टी संगठन को मजबूत करने की जी तोड़ कोशिश में लगी हुई है। इसी के चलते प्रदेश कांग्रेस संगठन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से जिला कार्यालयों को जमीन उपलब्ध कराने को कहा। लेकिन कमलनाथ ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि राजनीतिक दलों को जमीन आवंटन पूर्व(शिवराज सरकार) में तय नियमों के हिसाब से ही किया जाए। जिसके तहत जमीन की कीमत की 10 फीसदी राशि जमा करने के बाद ही भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी। इसी के साथ नियमों में बदलाव भी किए जाने है जिसके तहत भवनों को आवटित की जाने वाली जमीन को कोई पदाधिकारी बेच नहीं सकेंगे। इसके लिए एआईसीसी और पीसीसी के पदाधिकारियों की एक समिति गठित की जाएगी। संयुक्त रूप से जबतक इस समिति की सहमति नहीं होगीजमीन या भवन की बिक्री नहीं हो सकेगी। साथ ही जमीन आवंटन की जो रजिस्टी होगी. उसमें जिलाध्यक्ष और उस समय पद पर जोव्यक्ति होगा उसके नाम से नामांतरण की प्रक्रिया होगी।