ऐतिहासिक नगरीचन्देरी में पसरा सन्नाटा चन्देरी: कोरोना एक ऐसा नाम हो चला है कि इंसान सोते हुए भी इसका नाम सुन कर चौकन्ना होने लगा है। ये ना अब मात्र चीन के लिए ही अपनी आगोश में लिए है बल्कि सारे विश्व को शने - शने अपने शिकंजे में कसता जा रहा है। किसको मालूम था की यह मुसीबत सिर्फ चीन की नही रहेगी उसके शिकार दुनियाँ के लाखों लोग हो जाएँगे । आज विश्व की हर छोटी बड़ी दवा कम्पनियाँ इस वायरस से निपट ने के लिए दवा खोजने में लगी हैं , कब दवा मिलेगी कब इलाज होगा इसका इंतिज़ार करना बहुत देर करना है , जब सरकारें आम नागरिकों से निवेदन कर रहीं हैं कि इसका फौरी तौर पर सबसे बड़ा इलाज अपने आपको आपने घरों में बंद रखना है। हमें इस बात की कद्र करनी चाहिए कि ये ना सिर्फ आपके हित में होगा बल्कि देश और इंसानी नस्ल के हित मे भी होगा । इस मुसीबत से बचाओ करने में परेशानियाँ ज़रूर है ,पर इससे मिलने वाला छुटकारा भी इसी मे छिपा है और जो अधिक सुखदाई है। हर छोटा - बड़ा आदमी अपने रोजमर्रा के काम के लिए चिंतित है जो लोग हर रोज़ कमाते खाते थे वो निश्चित ही अधिक परेशान हैं। बड़े-बड़े और छोटे गाँव के मध्य छोटासा नगर चन्देरी है जो विश्व में चन्देरी आज सन्नाटे की आगोश में है , सारी ऐतिहासिक इमारतों पर ताला लगा हुआ है, सारी होटलों के दरवाजे पर्याटकों के लिए बंद कर दिए गए हैं सब कुछशून्य हो गया है। यहाँ के लोग भी आइहुई मुसीबत को टालने के लिए द्रणसंकल्पित हैं। चन्देरी के लिए एक अच्छी बात ये है कि यहाँ का वस्त्र उद्योग लघु उध्योग है जिसको सिर्फ घर पर ही बैठ कर किया जाता है, यहाँ का बुनकर समुदाय हफ्ते के __ दिन अपनी रोजमर्रा की ज़रूरत की वस्तुयें हाट बाज़ार के दिन ही खरीदते हैं बाकी दिनों में अपने घरों पर ही रहते है आम दिनों में भी बाजारों में भीड़-भाड़कम ही रहती है ,इसलिए इस कारोबार में बहुत अधिक फरक नही पड़ेगा हाँ मजदूर को मजदूरी जरूर देर सबेर मिलेगी पर कारोबार चलते रहने में बाधा नहीं पड़ेगी, हाँ जो व्यापारी माल खरीद फरोख्त करने चन्देरी आते हैं वो ज़रूर नही आ सकेंगे। यहाँ के सेठ । मास्टर बुनकरों पर सारा दारो -मदार है है कि,वह अपने बुनकारो को इस मुसीबत की घड़ी में कितना साथ देते है। फिलहाल तो सब की नज़र कोरोना से सम्पूर्ण छुटकारे की ओर है। वस्त्र उध्योग और ऐतिहासिक इमारतों के लिए प्रसिद्ध है विश्व कोनातवरल लॉकडाउन
ऐतिहासिक नगरीचन्देरी में पसरा सन्नाटा