न्यूयार्क एजेंसी दुविधा है, कि वह किस मरीज को सारी दुनिया में न्यूयार्क अरबपतियों वेंटीलेटर की सुविधा दें। दुनिया का का शहर माना जाता है। सबसे घनी मानी देशजो सारी दुनिया कोरोनावायरस के संक्रमण ने इन का नेतृत्व करता है। उसी देश के अरबपतियों को भी बता दिया है, कि सबसे विकसित शहर में अस्पतालों जीवन का क्या महत्व होता है। में बिस्तर, डॉक्टर, नर्स और न्यूयॉर्क शहर के हॉस्पिटल में पर्याप्त उपकरणों की भारी कमी है, और तो संखा में वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं है। और मास्क तक रिसाइकिल कर एकही वेंटिलेटर से दो लोगों को उपयोग में लाना पड़ रहे हैं। न्यूयार्क ऑक्सीजन दी जा रही है। अमेरिकी की स्थिति शनी गंभीर है, जिसे प्रशासन ने वेंटिलेटर में जुगाड़ कर सुनने पर लोग आशय से देखते हैं। के चार मरीजों तक वोटलेटर से दुनिया के सबसे बड़े बड़बोले आक्सीजन पहुंचाने का प्रयास किया राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अभी तक जा रहा है। न्यूयॉर्क के गवर्नर का कोरोनावायरस की हंसी उड़ाते रहे कहना है कि 15000 वटिलेटर की हैं। उन्होंने पिछले 3 माह में कोई जरूरत है। 100 से ज्यादा प्रयास नहीं किए अब जब अरबपतियों वाले शहर में अस्पतालों कोरोनावायरस के मरीजबड़ी संख्या में बेड खाली नहीं मिल रहे हैं। बेड में सामने आ रहे हैं। उसके बाद अब खाली हैं। तो वेंटीलेटर नहीं है। अमेरिका कोरोनावावरस से निपटने अस्पताल और डॉक्टरों के सामने के लिए कोशिश कर रहा है।
अरबपतियों को अपने ही शहर में नहीं मिल पा रहा वेंटिलेटर