डालारोबॉट सैनिटाइजर यूएई, एजेंसी। कोरोना के खिलाफ छिड़े महायुद्ध में हैंड सैनिटाइजर बड़ा हथियार बनकर सामने आया है। सैनिटाइजर की मांग इतनी तेजी से बढ़ी कि दुकानों में इसकी संख्या घट गई है। अब कहते हैं न कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है तो इस संकट के समय में यएई एक भारतीय स्टडेंट ने रोबॉट सैनिटाइजर का इजाद कर दिया। यूएई में सातवीं के स्टूडेंट ने एक रोबॉट बनाया जो 0.5 सेटीमीटर से भी कम दरी पर हाथ की पहचान कर उसे सैनिटाइज कर देता है। खलीज टाइम्स की रिपोर्ट में ऐसा ही दावा किया गया है। स्टूडेंट दुबई के स्प्रिंग डेल्स स्कूल में पढ़ता है जिसका नाम सिद्ध सांघवी है। सिद्ध ने बताया कि उसकी मां ने एक विडियो दिखाया था जिसमें लोग अपने हाथों की सफाई के लिए सैनिटाइजर के डब्बे को बार-बार छूकर उससे तरल पदार्थ निकाल रहे हैं। सिद्ध का कहना है बॉटल छूने से तो वह संक्रमित हो गया और यहीं से मुझे रोबॉट बनाने का आइडिया आया। सिद्ध ने कहा, क्योंकि कोरोनो वायरस दूषित सतहों को छूने से फैलता है। बाल वैज्ञानिक सिद्ध ने कहा, इसलिए मैंने सोचा कि क्यों साइंस, टेक्नॉलजी, इंजिनियरिंग व मैथ्स यानी स्टेम की मदद का उपयोग करके कुछ बनाया जाए जिससे मशीन बिना किसी व्यक्ति के संपर्क में आए उसके हाथ को साफ कर देगा।
भारतीयस्टूडेंट ने बना डालारोबॉट सैनिटाइजर