मासूम के शरीर पर बन गए लाल निशान घर भेजने का नही भोपाल कोरोना संक्रमण के कारण देशव्यापी लॉकडाउन किया गया है, तो वहीं भोपाल में कयूं लगाया गया है। ऐसे में हरतरहका यातायात प्रतिबंधित हैं। इससे हजारों लोगों की परेशानी तो बढ़ी है, साथ हीधरों में रहने के कारण इसवायरस कोखमकरने की उम्मीद भी है। ऐसी स्थिति में कुछ जिम्मेदारों की लापरवाही से आमजन को अपनी 3 माह की बच्ची और पत्नी के श्री। प्लेटफार्म नंबर 6 पर स्थित मंदिर परेशानी उठानी पड़ रही है। अस्पतालों साथ 4 दिनों से भोपाल रेलवे स्टेशन में 24 मार्च तक समय गुजारा। एक से मरीजों की छुट्टी कर दी गई है, पर साधन के इंतजार में भूखे प्यासे समाजसेवी ने पीपुल्स हॉस्पिटल लेकिन प्रशासन ने मरीजों को उनके बैठे हैं। सीताराम पाल ने बताया कि पहुंचा दिया। यहां स्कने का इंतजाम हो घर भेजने के कोई वजाम नहीं किए जकी पांच बेटियां हैं। सबसे छोटी 3 गया है, लेकिन घर में 4 बेटियों का हैं। इस वजह से मरीज परिवार सहित माह की बेटी के चेहरे और मुंह पर रो-रो कर बुरा हाल है। प्रशासन यदि अपने गांव्य तक नहीं पहुंचने की लाल निशान होते जा रहे हैं। 19 मार्च घर पहुंचाने का इंतजाम करा देतो वे वजह से भटक रहे हैं। जानकारी के को एम्स में भर्ती किया था लेकिन 21 कुछ पैसे भी देने को तैयार हैं। लेकिन, अनुसार सिंगरौली जिले के विद्यारा, मार्च को छुट्टी कर दी गई। रेलवे अभी तक कोई इंतजाम नहीं करवाया पौड़ी निगाई निवासी सीताराम पाल स्टेशन पर पहुंचे तो ट्रेनें बंद हो चुकी गया है।
एम्स से छुट्टी के बाद मासूम को लेकर स्टेशन स्थित मंदिर में बैठे परिजन