एनटीपीसीनेटीएचडीसी औरनीपकोको खरीदा, सरकार को मिले 11,500 करोड़

Disinvestment नई दिल्ली, एजेंसी जाता है, तो उसे रणनीतिक सरकार ने दो बिजली कंपनियों का विनिवेश कहा जाता है। एनटीपीसी के बोर्ड ने जनवरी में इस अधिग्रहण रणनीतिक विनिवेश कर 11,500 करोड़ रुपए जुटाए। इन दोनों की मंजूरी दे दी थी। भारतीय सरकारी कंपनियों के नाम हैं प्रतिस्पर्धा आयोग ने फरवरी में इन टीएचडीसी और एनईईपीसीओ सौदों को अनुमति दे दी थी। (नीपको)। इन दोनों कंपनियों का टीएचडीसी में 25.5 अधिग्रहण एनटीपीसी ने किया है। फीसदी हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश इसके साथ ही विनिवेश से सरकार सरकार की है: सरकारी कंपनियों के विनिवेश का काम निवेश और का कुल कमाई चाल कारोबारी साल में बढ़कर 46,500 करोड लाक पारसपात्त प्रबधन विभाग रुपए पर पहुंच गई। चालू कारोबारी (डीआईपीएएम) संभालता है। साल में सरकार ने विनिवेश से विनिवेश से पहले टीएचडीसी में केंद्र की हिस्सेदारी 74.5 फीसदी लक्ष्य रखा था। हालांकि संशोधित और नीपको बेचकर 4,000 करोड़ पावर कॉरपोरेशन (नीपको) और थी। शेष 25.5 फीसदी हिस्सेदारी अनुमान में इसे घटाकर 65,000 रुपए मिले। टीएचडीसी में सरकार टीएचडीसी में अपनी हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश सरकार के पास है। करोड़रुपए कर दिया गया है। ने अपनी 74.49 फीसदी एनटीपीसी को बेचे जाने की मंजूरी शुक्रवार को बीएसई पर एनटीपीसी केंद्र ने टीएचडीसी में हिस्सेदारी बेची। नीपको में सरकार दी थी। इसके साथ ही दोनों कंपनियों के शेयर 3.17 फीसदी उछलकर अपनी 74.49 फीसदी और ने अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी के प्रबंधन को भी एनटीपीसी के 83.05 रुपए पर बंद हुए। अगले नीपको में 100 फीसदी बेच दी है। आर्थिक मामलों की सुपुर्द किए जाने की मंजूरी दी गई कारोबारी साल 2020-21 में हिस्सेदारी बेचीः सरकार को मंत्रिमंडलीय समिति ने नवंबर हिस्सेदारी बेची: सरकार को मंत्रिमंडलीय समिति ने नवंबर थी। विनिवेश में उ थी। विनिवेश में जब कंपनी का सरकार ने विनिवेश से 2.10 लाख टीएचडीसी बेचकर 7,500 करोड़ 2019 में नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक प्रबंधन भी खरीदार को सौंप दिया करोड़पए जुटाने का लक्ष्य रखा है।


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