संपादकीय कोरोनाकारोना समझ लेंगे तो इसका उपचार आसान हो सकेगा। बहरहाल, रोग में किस तरह का खानपान जरूरी है, कैसा परहेज होना फिलहाल इसकी चुनौती बड़ी है। खतरा बाहरी है, विदेशी चाहिए और कौन-सी दवाइयां इसमें मददगार हो सकती हैं। पर्यटकों के आवागमन से इसका विस्तार हुआ है। सरकार ने सरकारों द्वारा पैदा किया भरोसा कोरोना वायरसको लेकर फैल यह चिंता की बात है कि देश में 31 व्यक्ति कोरोना वायरस रहे कि केरल में सबसे पहले संक्रमित तीन लोग स्वस्थ होकर असर नजर नहीं आया है। यह भी एक कड़वा सच है कि हर इस दिशा में तेजी से कदम उठाये हैं। भारतीय नागरिकों को रही भ्रांतियों को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है। विदेशन जाने की एडवाइजरी जारी की गई है। निगरानी के लिए खासकर वृद्धों व बीमार लोगों को इस संक्रमण से बचाने के संक्रमित पाये गये हैं। बुधवार को खुद स्वास्थ्य मंत्री घर लौटे हैं। चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस अब साल विभिन्न फ्लू रोगों से पांच लाख से अधिक लोग प्रतिवर्ष एकमंत्री समूहबनाया है और जरूरी दवाओं के निर्यात पर रोक लिए ज्यादा सतर्कता की जरूरत है। चीन में कोरोना का कहर हर्षवर्धन ने यह जानकारी दी है। इन संक्रमित लोगों में 16 तक दुनिया के पचास देशों को चपेट में ले चुका है। ध्यान रहे मरते हैं। उसके मुकाबले कोरोना वायरस से हुई क्षति कम है। इटली के पर्यटक हैं और एक उनके साथ चल रहा भारतीय। कि कोरोना वायरससे संक्रमित होने का मतलब यह नहीं है कि मगर दिक्कत यह है कि अभी तक इस रोग का टीका नहीं ढूंढा जा लगायी है। साथ ही जिला स्तर के अस्पतालों में आइसोलेशन ऐसे लोगों पर ज्यादा हुआ है। सामान्य तौर पर भी हमें स्वच्छता वहीं इटली से लौटे दिल्ली के भारतीय नागरिक के संक्रमित होने मौत निश्चित है। जरूरी है कि विदेशों से आने वाले सभी यात्रियों सका है, जिसके चलते भय का माहौल पैदा हो गया है। बाकी वार्डबनाने के निर्देश दिये हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि राज्य व सेहत के प्रति सजग रहना चाहिए। जिन लोगों की रोग की पुष्टिहुई थी, जिसने नोयडा के स्कूली छात्रों को पार्टी दी थी, की जांच हो। पहले जहां चीन, ईरान, सिंगापुर, जापान, दक्षिण बाजार व अज्ञानता की भूमिका भय के प्रसार में ज्यादा रहती है। सरकारें भी जनता को इस रोग के प्रति जागरूक करें, स्वच्छता प्रतिरोधक क्षमता ठीक होती है, उनके वायरसों से बचने के जिसके चलते इन स्कूलों को बंद किया। अब इसी व्यक्ति के कोरिया आदिबारहदेशों से आने वाले यात्रियों की जांचकी जा दरअसल, इस वायरस के साथ बड़ी दिक्कत यह भी है कि का ध्यान रखें और अस्पतालों में उपचार की सुविधाओं की आसार ज्यादा हो जाते हैं। भारतीय स्वास्थ्य परंपराओं की निगरानी करें। यह भी जरूरी है कि चीन ने जिस तरह इस मान्यता रही है कि इलाज से ज्यादा अच्छा है कि रोग के प्रसार आगरा निवासी छह परिजन भी संक्रमित हैं। वहीं दुबई से आये रही थी, अब सरकार ने सभी देशों की यात्रियों की जांच का इसके लक्षण भी सामान्य सर्दी जुकाम जैसे ही हैं, जो हमारे तेलंगाना निवासी के भी संक्रमित होने की बात सामने आई थी। फैसला किया है। भारत सरकार ने समय रहते सतर्कता के श्वसनतंत्र को प्रभावित करते हैं। कारगर उपचार के अभाव में बीमारी का मुकाबला किया, उसके अनुभवों को साझा किया की रोकथाम की जाये। इसके संक्रमित रोगी सार्वजनिक स्थल निःसंदेह यह चिंता की बात तो है, मगर घबराने की नहीं। याद कदम उठाये हैं, यही वजह है कि भारत में कुछ अन्य देशों जैसा सतर्कता महत्वपूर्ण हो जाती है। जब वैज्ञानिक इसके पैटर्न को जाना जरूरी है। आम लोगों को बताया जाना चाहिए कि इस में जाने से परहेज करें तो रोग का प्रसार रोका जा सकता है। जाना
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