नई दिल्ली, एजेंसी। 26 मार्च को चौकी में एकत्र हुए थे। वहां से वह एक खाली ट्रेन से श्रमिकों को नई निर्माण कार्य के लिए बनाए गए दिल्ली से उत्तर प्रदेश में उनके घर रास्ते से होकर प्लेटफार्म नंबर 16 भेजने के लिए पैसे लेने के मामले में में चले गए। जब आरपीएफकर्मियों सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने लोगों को देखा, तो अतिरिक्त बल के एक हैड कांस्टेबल को निलंबित बुलाया गया और उन सभी श्रमिकों कर दिया है। निलंबित हैड को ट्रेन से उतारकर स्टेशन से बाहर कांस्टेबल सतीश राठी को शुक्रवार निकाला गया। को जीआरपी लाइंस भेज दिया गया उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक है। आरपीएफ के डीजी अरुण कमार ने बताया कि टेन अभी भी कुमार ने कहा कि जीआरपी के हैड स्टेशन पर ही है। सीसीटीवी फुटेज कांस्टेबल ने लोगों से उन्हें घर भेजने से पता चला कि जीआरपी हैड के नाम पर पैसे लिए थे। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लगे के लिए पैसेलेने के लिए श्रमिकों के सीसीटीवी फुटेज से हैड कांस्टेबल ठेकेदार से पैसे लिए थे, लेकिन की पहचान शुरुआत में जीआरपी आरपीएफ के जवानों ने उन्हें वहांसे के एक इंस्पेक्टर के रूप में पहचान हटा दिया। सूत्रों के मुताबिक की गई थी। वह बृहस्पतिवार को श्रमिकों को घर भेजने के नाम पर मगध एक्सप्रेस के एक खाली रेक 500 रुपये प्रति व्यक्ति लिए गए थे। में 45 लोगों को सवार करके उन्हें इन श्रमिकों को इलाहाबाद ले जाने वहां से भेजने की तैयारी में था। जाने का वादा किया गया था, जहां कुछ वाले लोग नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ऑपरेटिंग क्रू और कर्मचारियों के मेट्रो गेट नंबर 1 के पास, जीआरपी साथ ट्रेन को वापस जाना था।
लोगों कोघरभेजने के नाम पर पैसे लेनेवाला जीआरपीका हेड कांस्टेबल निलंबित