राशन आदि के लिए लोगों की भागदौड़ के पीछे एक बड़ी वजह पिछले चार दिनों के जनता कयूं के अनुभव।कई दुकानदारों ने वस्तुओं की कीमतें बढ़ा दी, कई जरूरी चीजें मिल नहीं पा रही थीं। संपूर्ण बंदी की घोषणा के बाद मंगलवार रात कोलोगे में राशन, सब्जी और दूसरेजरूरी सामान की खरीद को लेकर अजीब तरह की अफरातफरी का आलम देखा गया। प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद लोग बड़े पैमाने पर घरों से निकल पड़े और जा भी दुकानें खुली मिली, वहां से बड़ी मात्रा में राशन खरीदने लगे। सबमें एकही चिंता देखी गई कि पता नहीं किाने दिनों तक उन्हें घरों में बंद रहना पड़ेगा और फिरजस्ती चीजें उपलब्ध हो पाएंगी या नहीं। सो, जरूरत से कहीं अधिक अनाज, फल और सब्जियां खरीदवे देखे गए। देखो देखते दुकानें खाली हो गई। जबकि सरकार ने आश्वस्त किया था कि राशन, सब्जी, दूध और दवा की दुकानें खुली रहेंगी, जरूरी चीजों की आपूर्ति होती रहेगी, फिर भी लोगों के मन में आशंका पैदा हो गई थी। इस अफरा-तफरी के चलते कोरोना संक्रमण का चक्र तोड़ने की गंश अधर में लटकती नजर आने लगी। इसे देखते हुए सरकार ने आनलाइन आपूर्ति करने वाली कुछ कंपनियों को घर घरसामान पहुंचाने की आधिकारिकटदेवी है।बंदी का फैसला लोगों को बेवजह परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें सुरक्षित रखने और महामारी की चपेट से बचाने के उद्देश्य से किया गया है, इसलिए उन्हें इस तकाजे को समझना होगा। राशन आदि के लिए लोगों की भागदौड़ के पीछे एक बड़ी वजह पिछले चार दिनों के जनवा कर्दू के अनुभव।कई दुकानदारों नेवस्तुओं की कीमतें बढ़ादी.कई जस्ती चीजें मिल नहीं पा रही थीं। दुकानदारों का कहना था कि पुलिस चूंकि माल ढुलाई करने वाले वाहनों और आपूर्ति करने वाले कर्मचारियों की आवाजाही नहीं होने दे रही, इसलिए उन तक न तो वस्तुएं सुचारु रूप से पहुंच पा रही है औरनवेलोगों तकसामान पहुंचा पा रहे हैं। राज्यों ने अपनी सीमाएं बंद कर दी है, जिसके चलते दिल्ली, चंडीगढ़ जैसे शहरों में सटे राज्यों से वाहनों का आवागमन रुक गया है। जस्ती चीजों की आपूर्तिकरनेवालेवाहनों को कपy पासलेने में काफी वक्त लग रहा है। स्वाभाविकही वहां से होने वाली सब्जियों, दूधवगैरह की आपूर्ति पर असर पड़ा है। दुलाई का खर्च भी कुछबढ़ा है, जिससे दुकानदारों को उनकी कीमतें बढ़ानी पड़ रही हैं। पर कई दुकानदार इस आपात स्थिति का फायदा उठा कर मुनाफा कमाते देखे जा रहे हैं। इसलिए सरकार को अपील करनी पड़ी है कि कोई भी दुकानदार लिखित मूल्य से अधिक कीमत पर वस्तुएं न बेचे।लोगों को घरों से बाहर निकलने से रोकने के मकसद से पुलिस की सखी समझी जा सकती है, पर कई जगहों से जिस तरह वाहन चालकों, आपूर्ति करने वालों को बेवजह परेशान और दंडित करने की शिकायतें मिली है, वह उचित नहीं कहा जा सकता। पूर्ण बंदी की घोषणा और उसे लागू करने के बीच समव का अंतर इतना कम रखा गया था कि लोगों को कफ्यूँ पास वगैरह जुटाने का समय नहीं मिल पाया। ऐसे में पुलिस को नरमी से पेश आने की उम्मीद की जाती थी। अब दिल्ली के पुलिस आयुक्त ने वस्तुओं की आपूर्ति सुचारु बनाने के मामले में सहयोग का आश्वासन दिया है, इसलिए पहले दिनजेसी अफरा-तफरी का माहौल नरहने की उम्मीद बनी है। पर लोगों से अब भी यही अपेक्षा की जाती है किवेनाहक घबराएं नई और कोरोना के चक्र को तोड़ने में हर तरह से सहयोग करें।
नाहक अफरा-तफरी