नाथ के बाद दिग्गी भी चुकाएंगे सिंधिया के बगावत की कीमत

फूल सिंह बरैया को कांग्रेस का सीट पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। कांग्रेस में मैं पार्टी का मानूंगा निर्णय प्रथम कैंडिडेट की मांग दिग्विजय सिंह के विरोधी गुट ने कांग्रेस के शीर्ष वहीं कांग्रेस से राज्यसभा प्रत्याशी फलासिंडबरैया ने एक खास बातचीत नेतृत्वको इस बात का संदेश दिया है कि फुल सिंह केटीगारकपाकिटामीनाले में गाया कि लोगटीलपलोगों कोरोना वायरस संक्रमण के चलते मध्य प्रदेश की बरेया को पाटी अगर प्रथम वरिवता देवी हेवो काटा किसोरेगामाले गाएगायला जालसाजों में तीन राज्यसभा सीटों पर होने वाला चुनाव इससे अनुसूचित जाति और आदिवासी समुदाय दलित-आदिवासी वोटों का फायदा होगा। ऐसे में पाटीका जो भी निर्णय फिलहाल स्थागित हो गया है। ऐसे में कांग्रेस के को साधने का सिगासी फागदा मिल सकता है। होगा उसेहम स्वीकार करेंगे लेकिन मौजधानीतिक मास में हमसे उम्मीदवार दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरेया हालांकि, फूल सिंह बरेया का कहना है कि हम से कहीं ज्यादा दिग्विजय सिंह का राज्यसभा जानाजरूरी है। दिलचस्प बात की मुश्किलें बढ़ गई है। इसमें सबसे बड़ी चिंता ज्यादा दिग्विजय सिंह का राज्यसभा जाना जरूरी है कि फूल सिंह बरैया को कांग्रेस में लाने का काम दिग्विजय सिंह ने अब कांग्रेस के दिग्विजय सिंह की है, जिन्हें है। दरअसल मध्य प्रदेश में पहले कांग्रेस की ही किया है। बरैया ने लोकसभा चुनावों के पहले कमलनाथ की मौजूदगी राज्यसभा में जाने से रोकने के लिए उनकी विरोधी स्थिति ऐसी थी किदो राज्यसभा सीटें मिलनी तव में अपने समर्वकों के साथ कांग्रेस का दामन थामाशा बरैया किसी लॉबी सक्रिय हो गई है। वहीं, ज्योतिरादित्य थीं, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस जमाने में बहुजन समाज पार्टी के साथ भी रहे हैं। दलित वर्ग के साथ- सिंधिया की बगावत के चलते कमलनाथ की सत्ता छोड़ने और 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद सायबल संभाल इलाके से भी आते हैं। ऐसे में कांग्रेस की एक लॉबी जा चुकी है और अब दिग्विजय सिंह की राज्यसभा गणित बिगड़ गया है। बरैया के कंधे के जरिए दिग्विजय सिंह पर निशाना साध रही है।