होरहीकालाबाजारी भोपाल निप्र। कोरोना वायरस के खौफ में लोग घरों में कैद हैं, लेकिन जरूरत का सामान बेचने वालों ने कालाबाजारी शुरू कर दी है। गुरुवार को भोपाल के शाहपुरा थाना अंतर्गत रोहित नगर ए ब्लॉक स्थित दीपेश स्टोर में सामान की कालाबाजारी की गई। दीपेश स्टोर संचालक ने दुकान का सामने का शटर बन्द कर साइड से पूरे दिन माल बेचा। सबसे ज्यादा किल्लत पानी की थी। लक्ष्मी परिसर गेट के सामने स्थित इस स्टोर के मालिक पुरुषोत्तम विजयवर्गीय ने पड़ोस की बिसलेरी एजेंसी से 20 लीटर पानी के जार 75 रुपए में खरीदकर 100 रुपए प्रति जार बेचा, जबकि इस जार की एमआरपी 80 रुपए है
दामों पर ही दिया गया इसी तरह रोहित नगर ए ब्लॉक स्थित बेरछा मावा के सामने 3540 रुपए का हर नारियल 80 रुपए में और 30 रुपए प्रतिकिलो वाला मध्यम सतरा 80-85 रुपए किलो बेचा जा रहा था। नवरात्र शुरू होने से केले की शॉर्टेज हो गई। तिलक नगर के रहवासी राजेश पटेल ने बताया कि बड़े स्टोर्स ने भी खूब मौके का फायदा उठाकर चांदी काटी। रियायती दर पर बुक माल को ज्यादा दामों पर ही दिया गया। न्यूनतम 2 साल तक की सजा उधर भोपाल पुलिस ने बुधवार को एक आदेश जारी किया है जिसमें कहा है कि भोपाल शहर के सभी नागरिकों, व्यापारियों को सूचित किया जाता है कि कोरोना वायरस आपदा के दौरान आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी अथवा संग्रहण कानूनी अपराध है।
एफआरदर्ज कर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी कालाबाजारी एवं अवैध संग्रहण करने पर न्यूनतम 2 साल तक की सजा का प्रावधान है। दुकानदारों को सूचित किया जाता है कि कोरोना वायरस से निर्मित इस आपदा के नियंत्रण हेत उपयोगी तथा आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी तथा संग्रहण ना करें कालाबाजारी एवं संग्रहण की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल थाने एफआरदर्ज कर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। आप को बता दें कि पुलिस भले ही ये आदेश जारी किया हो,लेकिन कई दुकानदार इस आदेश का पालन नहीं कर रहे है। इस वीडियो के माध्यम से आप देख सकते है किस तरह दुकानदार बिना किसी डर के सामान बेच रहें है।
कालाबाजारी कानूनी जुर्म है कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हुई इस विषम आपदा की स्थिति में नागरिकों के उपयोग के लिए प्रदाय की जाने वाली अथवा उपयोग में आने वाली वस्तुओं की कालाबाजारी तथा संग्रहण कानूनी जुर्म हैआपदा नियंत्रण अधिनियम 2005 की धारा 53,आवश्यक वस्तु अधिनियम तथा भारतीय दंडसंहिता की विभिन्न धाराओं में संज्ञेय अपराध है।