मरीज संभालने वाले अस्पताल बनाएंगे जवान सेना भी कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए तेवार है। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शुक्रवार को ऑपरेशन नमस्ते लॉन्च किया। सभी जवानों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। दो मोर्चा परबंदोबस्त किए हैं। पहला, 13 लाख जवानों को संक्रमण से बचाना और दूसरा, संक्रमित लोगों को क्वारेंटाइन कर इलाज सुनिश्चित करना। सेना प्रमुख ने सीमा पर तैनात जवानों को आश्वासन दिया कि महामारी के इस समय में उनके परिवारों का ध्यान रखा जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि पूरी योजना बुद्ध स्तर की तैयारी को देखते हुए बनाई है। 24 घंटे के नोटिस पर हम कहीं भी पहुंच जाएंगे। 4 से 6 घंटे ऑफ डिफेंस स्टाफ के तहत एकजुट होकर के बीच सुसज्जिा अस्पताल समेत पूरी व्यवस्था वायरस से लड़ने के लिए समन्वय कर रही हैं। जमीन पर मार देंगे। 30 घंटे में सेना 8 लाख सेना के5अस्पताल तयार मरीज संभालने के लिए मॉड्यूलर अस्पताल बना सना सकती है। वहां सर्जरी तक की सुविधा होगी। अभी सेना, नौसेना और वायुसेना के 5 अस्पतालों में सेना के 6 क्वारेंटाइल सेंटर्स में 1059 लोगों को कोरोना की जांच हो सकती है। 6 अन्य रखा है। रक्षा सेना मेडिकल सेवा के महानिदेशक अस्पताल इस सुविधा से लैस किए जा रहे हैं। और ले. जनरल अनूप बनर्जी ने बताया कि सेना वायुसेना के विमानों से दूरदराज के स्थानों से को इस महामारी से निपटने में लगाया जाता है तो जांच नमूने लैब तक पहुंचाए जा रहे हैं, जबकि हमारी पूरी तैयारी है। सेना के पास पर्वाप्पा पर्सनल जबकि तटीय इलाकों, खासकर केरल, प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट हैं। ऐसे और भी उपकरण तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के खरीदने की योजना तैयार है। तीनों सेनाएं चीफ तटवर्ती इलाकों में नौसेना जुटी हुई है।
सेना का ऑपरेशन नमस्ते, 30 घंटे में आठ लाख मरीज संभालने वाले अस्पताल बनाएंगे जवान