उपचुनाव वाली सीटों को साधने के लिहाज से तय होगा नेता कांग्रेस के सामने अब नेता प्रतिपक्ष चुनने की चुनौती

लोकदेश संवाददाता। भोपाल नाम पर विचार किया जा रहा है। सत्ता से बेदखल होते ही कांग्रेस उन बाला बच्चन 1993 में पहली बार 24 सीटों की बुह रचना बनाने में विधायक बने, लेकिन वे विधानसभा अभी से जुट गई है, जहां उपचुनाव में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष रहे होंगे। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सत्यदेव कटारे का स्वास्थ्य खराब को ही प्रदेशाध्यक्ष बनाए रखने के होने के दौरान डेढ़ साल तक उपनेता लिए पार्टी एकमत है। प्रतिपक्ष रहते हुए नेता प्रतिपक्ष का इधर, नेता प्रतिपक्ष के लिए नाम प्रभार संभाल चुके हैं। मार्च 2017 में खंगालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जब अजय सिंह को नेता प्रतिपक्ष आगामी दिनों में जिन 24 विधानसभा बनाया था, तब भी बाला बच्चन का सीटों पर उपचुनाव होंगे, उनमें 18 नाम नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में था। ग्वालियर-चंबल की हैं। पार्य सूत्रों पिछले दिनों पार्टी नेताओं की बैठक के हिसाब से नेता प्रतिपक्ष का चवन में भी आम सहमति बनी है कि नेता उपचुनाव को देखते हुए किए जाने प्रतिपक्ष का चयन जल्दी कर लिया की संभावना है। इसके लिए वरिष्ठ जाए। उप चुनाव लड़ने वाले विधायकों में से डॉ. गोविंद सिंह, केडिडेट के नाम भी दो महीने पहले सज्जन सिंह वर्मा वबाला बच्चन के ही घोषित कर दिए जाएं।