किसानों कोशन्य प्रतिशत ब्याज पर ही मिलेगा कर्ज कमलनायत का वादविवार का

कमलनायत का वादविवार का लो कमल नाथ ने कर्ज तो बांट दिया पर शिवराज ने दी विभाग ने नहीं दिए थे औपचारिक आदेश हालांकि, वित्त विभाग ने इस पर सहमति दे दी थी लेकिन कैबिनेट निर्णय होना बाकी लोकदेश संवाददाता। भोपाल था। राजनीतिक उठापटक में मुख्यमंत्री शिवराज सरकार आने के बाद जिला सहकारी केंद्रीय कमल नाथ ने इस्तीफा दे दिया और बैंक और प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की भाजपा ने सरकार बनाई। शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने तो बड़ी मुसीबत खत्म हो गई। समितियों के माध्यम से वर्ष एक बार फिर सहकारिता विभाग ने फाइल चलाई। मुख्यमंत्री तक 2019-20 में रबी और खरीफ फसलों के लिए किसानों जैसे ही मामला पहुंचा, उन्होंने योजना की निरंतरता को स्वीकृति दे को दिए गए कर्ज पर काई ब्याज नहीं लगेगा। यह पहले की दा। शिवराज सरकार नहाशुरू काथा योजना उल्लेखनीय हाक तरह शून्य प्रतिशत ब्याज पर जारी रहेगा। इसके लिए खेती की लागत घटाने के लिए शून्य प्रतिशत ब्याजदर पर किसानों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की हरी झंडी मिलने के को अल्पावधि फसल ऋण उपलब्ध कराने की योजना शिवराज बाद प्रमुख सचिव सहकारिता उमाकांत उमराव ने योजना सरकार ने ही लागू की थी। को निरंतर रखने के आदेश जारी कर दिए हैं। समितियों ने को जरूरी राशि का इंतजाम राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण 23 लाख किसानों को 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक विकास बैंक के अलावा अपनी बचत से करना होता हैअल्पावधि कृषि ऋण वितरित किया था। कमल नाथ सरकार की सैद्धांतिक सहमति के आधार पर कर्ज तो बांट सरकार आने के बाद सहकारिता विभाग ने कई बार दिया गया था, लेकिन इसके औपचारिक आदेश जारी मुख्यमंत्री कार्यालय को शून्य प्रतिशत ब्याज दर की नहीं हो पाए थे। इसी बीच कमल नाथ सरकार ने जय योजना की निरंतरता के आदेश नहीं होने को लेकर पत्र किसान ऋण मुक्ति योजना लागू कर दी। कृषि, सहकारिता भेजे थे। अपेक्स बैंक लगातार सहकारिता विभाग को पत्र और वित्त विभाग इसी में उलझकर रह गए और शून्य लिखकर स्थिति बता रहा था। दरअसल, किसानों को प्रतिशत ब्याज दर की योजना की निरंतरता के आदेश शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज देने के लिए अपेक्स बैंक जारी नहीं हो पाए।